पंजाब सरकार (Punjab Government) राज्य के कोटे की कोवैक्सिन (Covaxin) को निजी अस्पतालों (Private Hospitals) में बेच रही है. रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर राज्य के कोटे की वैक्सीन को निजी अस्पताल को बेचकर प्रति खुराक 660 रुपए का लाभ कमाया है ।
चंडीगढ़. कोरोना महामारी (Corona Pandemic) के इस दौर में वैक्सीन (Vaccine) को सबसे बड़े हथियार के रूप में देखा जा रहा है. कोरोना वैक्सीन (Corona Vaccine) को लेकर पूरे देश में अभियान चलाया जा रहा है. केंद्र सरकार कोरोना वैक्सीन बनाने वाली कंपनियों से वैक्सीन खरीदकर राज्यों को कोटे के मुताबिक वैक्सीन दे रही है. केंद्र और राज्य सरकारों के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर चल रही खींचतान के बीच अब पंजाब सरकार पर बड़ा आरोप लगा है. खबर है कि पंजाब सरकार राज्य के कोटे की कोवैक्सिन को निजी अस्पतालों में बेच रही है ।
रिपोर्ट के मुताबिक पंजाब सरकार ने कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (सीएसआर) के नाम पर राज्य के कोटे की वैक्सीन को निजी अस्पताल को बेचकर प्रति खुराक 660 रुपए का लाभ कमाया है. यही नहीं निजी अस्पतालों ने भी प्रति खुराक 500 रुपये का फायदा उठाया है. बता दें कि जो लोग प्राइवेट अस्पताल में कोरोना वैक्सीन लगवा रहे हैं उन्हें प्रति खुराक 1560 रुपये देना पड़ता है. कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) के मूल में परोपकार होता है लेकिन पंजाब सरकार की ओर से जिस तरह से कोवैक्सिन को लेकर कदम उठाया गया है वह केवल पैसा कमाने का एक तरीका है ।
बता दें कि हाल ही में पंजाब सरकार ने 1 लाख कोवैक्सिन की शीशीयों में से 20 हजार वैक्सीन राज्य के निजी अस्पतालों को 1,060 रुपए प्रति खुराक की दर से बेची हैं. इन कोरोना वैक्सीन की कीमत 400 रुपये थी. रिपोर्ट्स के मुताबिक, इन वैक्सीन को जब लोगों को लगाया गया तो अस्पतालों ने इसके लिए उनसे 1560 रुपए वसूल किए हैं ।
पंजाब सरकार के इस अभियान में शामिल अधिकारियों के मुताबिक पंजाब सरकार ने टीकाकरण सीएसआर फंड के नाम से एक अलग बैंक खाता बनाया है और निजी अस्पताल इस खाते में ही पैसा जमा करते हैं.अधिकारियों के मुताबिक निजी अस्पतालों से बैंक में जो भी पैसा जमा किया जाएगा, उसका इस्तेमाल फिर से कोरोना वैक्सीन खरीदने में किया जाएगा ।